श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 3: कृष्ण जन्म  »  श्लोक 32
 
 
श्लोक  10.3.32 
 
 
श्रीभगवानुवाच
त्वमेव पूर्वसर्गेऽभू: पृश्न‍ि: स्वायम्भुवे सति ।
तदायं सुतपा नाम प्रजापतिरकल्मष: ॥ ३२ ॥
 
अनुवाद
 
  श्री भगवान ने उत्तर दिया: हे सती माता, आप अपने पिछले जन्म में स्वायंभुव मनु के कल्प में पृश्नि नाम से विख्यात थीं और वसुदेव अत्यंत पवित्र प्रजापति थे जिनका नाम सुतपा था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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