ते तु ब्रह्मह्रदं नीता मग्ना: कृष्णेन चोद्धृता: ।
ददृशुर्ब्रह्मणो लोकं यत्राक्रूरोऽध्यगात् पुरा ॥ १६ ॥
अनुवाद
भगवान कृष्ण ने सभी ग्वालों को ब्रह्मह्रद पर ले जाकर, उन्हें जल में डुबाया और फिर ऊपर निकाला। जिस स्थान पर अक्रूर ने वैकुण्ठ को देखा था, उसी स्थान से इन ग्वालों ने भी सत्य लोक को देखा।