श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 27: इन्द्रदेव तथा माता सुरभि द्वारा स्तुति  »  श्लोक 14
 
 
श्लोक  10.27.14 
 
 
श्रीशुक उवाच
एवं सङ्कीर्तित: कृष्णो मघोना भगवानमुम् ।
मेघगम्भीरया वाचा प्रहसन्निदमब्रवीत् ॥ १४ ॥
 
अनुवाद
 
  शुकदेव गोस्वामी ने कहा: इंद्र द्वारा स्तुति किए जाने पर पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण मुस्कुराए और फिर बादलों की गड़गड़ाहट जैसी गंभीर आवाज में उससे इस प्रकार बोले।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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