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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 26: अद्भुत कृष्ण
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श्लोक 8
श्लोक
10.26.8
वने सञ्चारयन् वत्सान् सरामो बालकैर्वृत: ।
हन्तुकामं बकं दोर्भ्यां मुखतोऽरिमपाटयत् ॥ ८ ॥
अनुवाद
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एक बार की बात है जब कृष्ण, बलराम और ग्वालबालों के साथ वन में गाय चरा रहे थे, तभी एक राक्षस बकासुर उन्हें मारने के इरादे से वहाँ पहुँचा। मगर कृष्ण ने उस दुष्ट राक्षस का मुँह पकड़ लिया और उसे फाड़ डाला।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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