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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 25: कृष्ण द्वारा गोवर्धन-धारण
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श्लोक 19
श्लोक
10.25.19
इत्युक्त्वैकेन हस्तेन कृत्वा गोवर्धनाचलम् ।
दधार लीलया विष्णुश्छत्राकमिव बालक: ॥ १९ ॥
अनुवाद
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ऐसा कहकर साक्षात विष्णु अर्थात् श्रीकृष्ण ने एक हाथ से गोवर्धन पर्वत को इस आसानी से ऊपर उठा लिया जिस तरह कोई बालक कुकुरमुत्ते को उखाड़कर हाथ में ले लेता है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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