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श्लोक 11
श्लोक
10.24.11
य एनं विसृजेद् धर्मं परम्पर्यागतं नर: ।
कामाद् द्वेषाद्भयाल्लोभात्स वै नाप्नोति शोभनम् ॥ ११ ॥
अनुवाद
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यह धार्मिक सिद्धांत स्वस्थ परंपरा पर आधारित है। काम, शत्रुता, डर या लालच के कारण जो कोई इसका त्याग करता है, उसे निश्चित रूप से सौभाग्य प्राप्त नहीं होगा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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