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अध्याय 23: ब्राह्मण-पत्नियों को आशीर्वाद
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श्लोक 17
श्लोक
10.23.17
गाश्चारयन् स गोपालै: सरामो दूरमागत: ।
बुभुक्षितस्य तस्यान्नं सानुगस्य प्रदीयताम् ॥ १७ ॥
अनुवाद
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वह ग्वालबालों तथा बलराम के साथ गौवें चराते हुए बहुत दूर निकल आये हैं। अब वे भूखे हैं इसलिए आप उन्हें तथा उनके साथियों के लिए कुछ खाने के लिए दे दें।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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