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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 23: ब्राह्मण-पत्नियों को आशीर्वाद
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श्लोक 14
श्लोक
10.23.14
मां ज्ञापयत पत्नीभ्य: ससङ्कर्षणमागतम् ।
दास्यन्ति काममन्नं व: स्निग्धा मय्युषिता धिया ॥ १४ ॥
अनुवाद
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भगवान कृष्ण ने कहा: ब्राह्मण की स्त्रियों से कहो कि मैं संकर्षण के साथ यहाँ आया हूँ। वो तुम्हें निश्चित रूप से जितना भोजन चाहिए उतना दे देंगी क्योंकि वो मेरे प्रति बहुत स्नेह रखती हैं और वे अपनी बुद्धि के साथ मुझमें ही रहती हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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