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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 20: वृन्दावन में वर्षा ऋतु तथा शरद् ऋतु
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श्लोक 32
श्लोक
10.20.32
एवं निवसतोस्तस्मिन् रामकेशवयोर्व्रजे ।
शरत्समभवद् व्यभ्रा स्वच्छाम्ब्वपरुषानिला ॥ ३२ ॥
अनुवाद
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जब भगवान राम तथा भगवान केशव वृन्दावन में रह रहे थे तब शरद ऋतु आ गई, जब आकाश बादलों से रहित, पानी साफ और हवा हल्की होती है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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