नामधेयानि कुर्वन्ति स्थानानि च नरा भुवि ।
दुर्गेति भद्रकालीति विजया वैष्णवीति च ॥ ११ ॥
कुमुदा चण्डिका कृष्णा माधवी कन्यकेति च ।
माया नारायणीशानी शारदेत्यम्बिकेति च ॥ १२ ॥
अनुवाद
भगवान कृष्ण ने मायादेवी को आशीर्वाद देते हुए कहा: पृथ्वी के विभिन्न स्थानों पर लोग तुम्हें अलग-अलग नामों से पुकारेंगे, जैसे दुर्गा, भद्रकाली, विजया, वैष्णवी, कुमुदा, चंडिका, कृष्णा, माधवी, कन्यका, माया, नारायणी, ईशानी, शारदा और अंबिका।