श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 19: दावानल पान  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  10.19.11 
 
 
श्रीशुक उवाच
वचो निशम्य कृपणं बन्धूनां भगवान् हरि: ।
निमीलयत मा भैष्ट लोचनानीत्यभाषत ॥ ११ ॥
 
अनुवाद
 
  शुकदेव गोस्वामी ने कहा: मित्रों से ये वेदना पूर्ण वचन सुनकर भगवान कृष्ण ने उनसे कहा: "आप लोग अपनी आँखें बंद करो और डरो मत।"
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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