वनं कुसुमितं श्रीमन्नदच्चित्रमृगद्विजम् ।
गायन्मयूरभ्रमरं कूजत्कोकिलसारसम् ॥ ७ ॥
अनुवाद
फूलों से सजा वृंदावन वन बड़ा ही मनमोहक लग रहा था और विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी अपनी आवाज़ों से वातावरण को गुंजायमान कर रहे थे। मोर और भौंरे अपने मधुर स्वर में गा रहे थे, तो कोयल और सारस अपनी मधुर बोलियों से समा बांध रहे थे।