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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 18: भगवान् बलराम द्वारा प्रलम्बासुर का वध
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श्लोक 22
श्लोक
10.18.22
वहन्तो वाह्यमानाश्च चारयन्तश्च गोधनम् ।
भाण्डीरकं नाम वटं जग्मु: कृष्णपुरोगमा: ॥ २२ ॥
अनुवाद
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इस प्रकार एक-दूसरे पर चढ़ते और चढ़ाते हुए और साथ ही गाय चराते हुए सभी लड़के कृष्ण के पीछे-पीछे भाण्डीरक नाम के वट वृक्ष तक पहुँच गये।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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