श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 18: भगवान् बलराम द्वारा प्रलम्बासुर का वध  »  श्लोक 2
 
 
श्लोक  10.18.2 
 
 
व्रजे विक्रीडतोरेवं गोपालच्छद्ममायया ।
ग्रीष्मो नामर्तुरभवन्नातिप्रेयाञ्छरीरिणाम् ॥ २ ॥
 
अनुवाद
 
  जब कृष्ण और बलराम इस तरह से साधारण ग्वालों की तरह वेशभूषा में वृंदावन में जीवन का आनंद ले रहे थे तो धीरे-धीरे गर्मियों का मौसम आ गया। यह मौसम सांसारिक प्राणियों के लिए बहुत सुखद नहीं होता है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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