श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 18: भगवान् बलराम द्वारा प्रलम्बासुर का वध  »  श्लोक 12
 
 
श्लोक  10.18.12 
 
 
भ्रमणैर्लङ्घनै: क्षेपैरास्फोटनविकर्षणै: ।
चिक्रीडतुर्नियुद्धेन काकपक्षधरौ क्‍वचित् ॥ १२ ॥
 
अनुवाद
 
  कृष्ण और बलराम चक्कर काटते, कूदते, फेंकते, थपथपाते तथा लड़ते भिड़ते हुए अपने ग्वाल सखाओं के साथ खेलने लगे। कभी-कभी कृष्ण और बलराम बालकों के सिरों की चोटी खींच लेते थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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