श्री शुकदेव गोस्वामी ने कहा: कालिन्दी (यमुना) नदी के भीतर एक सरोवर था जिसमें कालिय नाग रहता था। उस नाग के अग्नि-तुल्य विष से उस सरोवर का जल निरन्तर उबलता रहता था। इस तरह से उत्पन्न भाप इतनी विषैली होती थी कि दूषित सरोवर के ऊपर से उड़नेवाले पक्षी उसमें गिर पड़ते थे।