जब कालिय की पत्नियों ने देखा कि भगवान् कृष्ण जिनके पेट में सारा ब्रह्मांड समाहित है, उनके अत्यधिक भार से कालिय सर्प कितना थक गया है और कृष्ण की एडियों के प्रहार से कालिय के छाते जैसे फन छिन्न-भिन्न हो गए हैं, तो उन्हें बहुत दुःख हुआ। तब अपने वस्त्र, आभूषण और बालों को बिखराकर वे आदि भगवान के पास आईं।