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श्रीमद् भागवतम
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अध्याय 15: धेनुकासुर का वध
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श्लोक 48
श्लोक
10.15.48
अथ गावश्च गोपाश्च निदाघातपपीडिता: ।
दुष्टं जलं पपुस्तस्यास्तृष्णार्ता विषदूषितम् ॥ ४८ ॥
अनुवाद
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उस समय गाय और ग्वाले गरमियों की तेज धूप से बहुत परेशान हो गए थे। प्यास से व्याकुल होकर उन्होंने यमुना नदी का पानी पिया। लेकिन वह पानी ज़हर से दूषित था।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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