तत्तेऽनुकम्पां सुसमीक्षमाणो
भुञ्जान एवात्मकृतं विपाकम् ।
हृद्वाग्वपुर्भिर्विदधन्नमस्ते
जीवेत यो मुक्तिपदे स दायभाक् ॥ ८ ॥
अनुवाद
हे प्रभु, जो व्यक्ति अपने पूर्व जन्मों में किए हुए पापों के फलों को धैर्यपूर्वक सहता है और अपने मन, वाणी और शरीर से आपकी आराधना करता है, वह निश्चित रूप से मोक्ष का अधिकारी बनता है। क्योंकि यह उसका अधिकार है।