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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 13: ब्रह्मा द्वारा बालकों तथा बछड़ों की चोरी
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श्लोक 6
श्लोक
10.13.6
अत्र भोक्तव्यमस्माभिर्दिवारूढं क्षुधार्दिता: ।
वत्सा: समीपेऽप: पीत्वा चरन्तु शनकैस्तृणम् ॥ ६ ॥
अनुवाद
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मुझे लगता है कि हमें यहाँ लंच कर लेना चाहिए, क्योंकि देरी हो गई है और हमें भूख लग गई है। यहाँ बछड़े पानी पी सकते हैं और धीरे-धीरे इधर-उधर घूमकर घास खा सकते हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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