वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
»
अध्याय 13: ब्रह्मा द्वारा बालकों तथा बछड़ों की चोरी
»
श्लोक 38
श्लोक
10.13.38
इति सञ्चिन्त्य दाशार्हो वत्सान्सवयसानपि ।
सर्वानाचष्ट वैकुण्ठं चक्षुषा वयुनेन स: ॥ ३८ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
इस प्रकार विचार करते हुए भगवान बलराम अपनी दिव्य ज्ञान की नजर से देख पा रहे थे कि ये सारे बछड़े और कृष्ण के साथी श्रीकृष्ण के ही अंश हैं।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.