श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 12: अघासुर का वध  »  श्लोक 41
 
 
श्लोक  10.12.41 
 
 
श्रीराजोवाच
ब्रह्मन्कालान्तरकृतं तत्कालीनं कथं भवेत् ।
यत् कौमारे हरिकृतं जगु: पौगण्डकेऽर्भका: ॥ ४१ ॥
 
अनुवाद
 
  महाराज परीक्षित ने पूछा: हे मुनि, ये जो भूतकाल में हुई घटनाएँ हैं, उन्हें वर्तमान में घटित होते हुए क्यों बताया गया? भगवान कृष्ण ने तो अघासुर को अपनी कौमार अवस्था में ही मार डाला था। तो फिर उनकी पौगंड अवस्था में ये बालक इन घटनाओं को अभी घटित होने की बात कैसे कह रहे हैं?
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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