श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 12: अघासुर का वध  »  श्लोक 3
 
 
श्लोक  10.12.3 
 
 
कृष्णवत्सैरसङ्ख्यातैर्यूथीकृत्य स्ववत्सकान् ।
चारयन्तोऽर्भलीलाभिर्विजह्रुस्तत्र तत्र ह ॥ ३ ॥
 
अनुवाद
 
  कृष्ण, ग्वालबालों और उनके बछड़ों के समूह के साथ बाहर निकले तो वहाँ अनगिनत बछड़े एकत्र हो गए। तब सभी लड़कों ने जंगल में खूब मस्ती के साथ खेलना शुरू कर दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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