बाला ऊचुरनेनेति तिर्यग्गतमुलूखलम् ।
विकर्षता मध्यगेन पुरुषावप्यचक्ष्महि ॥ ४ ॥
अनुवाद
तब सब ग्वालबालों ने कहा: इस कांड को ज़रूर कृष्ण ने अंजाम दिया है। जब वे दोनों पेड़ों के बीच था, तब मूसल तिरछा हो गया। कृष्ण ने जब मूसल खींचा तो दोनों पेड़ गिर गए। इसके बाद उन पेड़ों से दो सुंदर आदमी निकल आए। हमने अपनी आँखों से यह सब देखा है।