श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 1: सृष्टि  »  अध्याय 9: भगवान् कृष्ण की उपस्थिति में भीष्मदेव का देह-त्याग  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  1.9.16 
 
 
न ह्यस्य कर्हिचिद्राजन् पुमान् वेद विधित्सितम् ।
यद्विजिज्ञासया युक्ता मुह्यन्ति कवयोऽपि हि ॥ १६ ॥
 
अनुवाद
 
  हे राजन्, कोई भी प्रभु (श्री कृष्ण) की योजना को नहीं जान सकता। चाहे कितने ही बड़े-बड़े ज्ञानी उनसे जुड़ी जिज्ञासा रखते हों, वे भी हैरान रह जाते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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