श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 1: सृष्टि  »  अध्याय 9: भगवान् कृष्ण की उपस्थिति में भीष्मदेव का देह-त्याग  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  1.9.1 
 
 
सूत उवाच
इति भीत: प्रजाद्रोहात्सर्वधर्मविवित्सया ।
ततो विनशनं प्रागाद् यत्र देवव्रतोऽपतत् ॥ १ ॥
 
अनुवाद
 
  सूत गोस्वामी ने कहा: युद्ध के मैदान में बहुत से लोगों का वध करने के बाद राजा युधिष्ठिर बहुत घबरा गए थे। इसलिए वह कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में गये जहाँ नरसंहार हुआ था। वहाँ पर भीष्मदेव बाणों के शय्या पर लेटे हुए थे और मृत्यु के करीब थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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