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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 1: सृष्टि
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अध्याय 6: नारद तथा व्यासदेव का संवाद
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श्लोक 9
श्लोक
1.6.9
एकदा निर्गतां गेहाद्दुहन्तीं निशि गां पथि ।
सर्पोऽदशत्पदा स्पृष्ट: कृपणां कालचोदित: ॥ ९ ॥
अनुवाद
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एक बार की बात है, मेरी माँ बेचारी एक रात गाय को दुहने जा रही थी, तभी परम काल के प्रेरित एक सांप ने मेरी माँ के पाँव में डस लिया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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