सास्वतन्त्रा न कल्पासीद्योगक्षेमं ममेच्छती ।
ईशस्य हि वशे लोको योषा दारुमयी यथा ॥ ७ ॥
अनुवाद
वह मेरा लालन-पालन अच्छी तरह करना चाहती थी, परंतु पराधीन होने के कारण वह मेरे लिए कुछ भी नहीं कर पाई। संसार परमेश्वर के पूर्ण नियंत्रण में है, अतएव हर व्यक्ति कठपुतली नचानेवाले के हाथ में किसी लकड़ी की गुड़िया के समान है।