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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 1: सृष्टि
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अध्याय 6: नारद तथा व्यासदेव का संवाद
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श्लोक 23
श्लोक
1.6.23
सत्सेवयादीर्घयापि जाता मयि दृढा मति: ।
हित्वावद्यमिमं लोकं गन्ता मज्जनतामसि ॥ २३ ॥
अनुवाद
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सत्य की सेवा करने से भक्त कुछ समय के लिए भी दृढ़ और अटल बुद्धि प्राप्त कर लेता है। फिर, वह इस भौतिक संसार को छोड़कर दिव्य जगत में मेरा पार्षद बन जाता है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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