श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 1: सृष्टि  »  अध्याय 6: नारद तथा व्यासदेव का संवाद  »  श्लोक 2
 
 
श्लोक  1.6.2 
 
 
व्यास उवाच
भिक्षुभिर्विप्रवसिते विज्ञानादेष्टृभिस्तव ।
वर्तमानो वयस्याद्ये तत: किमकरोद्भ‍वान् ॥ २ ॥
 
अनुवाद
 
  श्री व्यासदेव ने (नारद जी से) कहा : आपके इस जन्म के प्रारंभ से पहले जिन महापुरूषों ने आपको दिव्य ज्ञान दिया, उनके जाने के बाद आपने क्या किया?
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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