श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 1: सृष्टि  »  अध्याय 5: नारद द्वारा व्यासदेव को श्रीमद्भागवत के विषय में आदेश  »  श्लोक 36
 
 
श्लोक  1.5.36 
 
 
कुर्वाणा यत्र कर्माणि भगवच्छिक्षयासकृत् ।
गृणन्ति गुणनामानि कृष्णस्यानुस्मरन्ति च ॥ ३६ ॥
 
अनुवाद
 
  पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण की आज्ञाओं का पालन करते हुए व्यक्ति निरन्तर उन्हें, उनके नामों और उनके गुणों का स्मरण करता है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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