श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 1: सृष्टि  »  अध्याय 5: नारद द्वारा व्यासदेव को श्रीमद्भागवत के विषय में आदेश  »  श्लोक 31
 
 
श्लोक  1.5.31 
 
 
येनैवाहं भगवतो वासुदेवस्य वेधस: ।
मायानुभावमविदं येन गच्छन्ति तत्पदम् ॥ ३१ ॥
 
अनुवाद
 
  उस गुह्य ज्ञान से, मैं सम्पूर्ण जगत के सृष्टिकर्ता, पालनकर्ता और संहारकर्ता भगवान् श्री कृष्ण की शक्ति के प्रभाव को ठीक-ठीक समझ सका। इसे जान लेने के बाद, कोई भी व्यक्ति उनके पास लौटकर उनसे साक्षात् मिल सकता है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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