वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 1: सृष्टि
»
अध्याय 5: नारद द्वारा व्यासदेव को श्रीमद्भागवत के विषय में आदेश
»
श्लोक 22
श्लोक
1.5.22
इदं हि पुंसस्तपस: श्रुतस्य वा
स्विष्टस्य सूक्तस्य च बुद्धिदत्तयो: ।
अविच्युतोऽर्थ: कविभिर्निरूपितो
यदुत्तमश्लोकगुणानुवर्णनम् ॥ २२ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
विद्वानों के विचार से, तप, वेद-अध्ययन, यज्ञ, दान और प्रार्थना का प्रमुख उद्देश्य भगवान के दिव्य गुणों और लीलाओं का वर्णन करना है।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.