यथा नभसि मेघौघो रेणुर्वा पार्थिवोऽनिले ।
एवं द्रष्टरि दृश्यत्वमारोपितमबुद्धिभि: ॥ ३१ ॥
अनुवाद
बादल और धूल हवा के साथ बहते हैं, परंतु अल्पज्ञ लोग कहते हैं कि आकाश में बादल छाए हैं, हवा धूलमय है। ऐसे ही वे आत्मा के बारे में भी शारीरिक धारणाओं को आरोपित करते हैं।