श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 1: सृष्टि  »  अध्याय 3: समस्त अवतारों के स्रोत : कृष्ण  »  श्लोक 21
 
 
श्लोक  1.3.21 
 
 
तत: सप्तदशे जात: सत्यवत्यां पराशरात् ।
चक्रे वेदतरो: शाखा द‍ृष्ट्वा पुंसोऽल्पमेधस: ॥ २१ ॥
 
अनुवाद
 
  तदुपरांत सत्रहवें अवतार में पराशर मुनि के माध्यम से सत्यवती के गर्भ से श्री व्यासदेव प्रगट हुए। उन्होंने देखा कि आम लोग कम बुद्धिमान हैं, इसलिए उन्होंने एक ही वेद को अनेक शाखाओं और उप-शाखाओं में विभक्त कर दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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