श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 1: सृष्टि  »  अध्याय 3: समस्त अवतारों के स्रोत : कृष्ण  »  श्लोक 15
 
 
श्लोक  1.3.15 
 
 
रूपं स जगृहे मात्स्यं चाक्षुषोदधिसम्प्लवे ।
नाव्यारोप्य महीमय्यामपाद्वैवस्वतं मनुम् ॥ १५ ॥
 
अनुवाद
 
  जब चाक्षुष मनु की अवधि के बाद भीषण बाढ़ आई और पूरा विश्व जलमग्न हो गया, तब भगवान ने मछली का रूप धारण किया और वैवस्वत मनु को नाव पर रखकर उनकी रक्षा की।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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