श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 1: सृष्टि  »  अध्याय 16: परीक्षित ने कलियुग का सत्कार किस तरह किया  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  1.16.23 
 
 
यद्वाम्ब ते भूरिभरावतार
कृतावतारस्य हरेर्धरित्रि ।
अन्तर्हितस्य स्मरती विसृष्टा
कर्माणि निर्वाणविलम्बितानि ॥ २३ ॥
 
अनुवाद
 
  हे माँ पृथ्वी, पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान् हरि ने तुम्हारे भारी बोझ को हल्का करने के लिए ही श्रीकृष्ण के रूप में स्वयं अवतार लिया था। उनकी यहाँ की सारी लीलाएँ दिव्य हैं और वे मोक्ष के मार्ग को मजबूत करनेवाली हैं। अब तुम उनकी उपस्थिति से रहित हो गई हो। शायद अब तुम उन लीलाओं को याद कर रही हो और उनकी अनुपस्थिति में दुखी हो रही हो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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