पाण्डु-पुत्रों का भगवद्धाम के लिए प्रस्थान का यह विषय अत्यंत शुभ और पवित्र है। कोई भी श्रद्धा से इस कथा को सुनता है, वह निश्चित रूप से भगवद्भक्ति को प्राप्त करके जीवन के परम लक्ष्य तक पहुँच जाता है।
इस प्रकार श्रीमद् भागवतम के स्कन्ध एक के अंतर्गत पंद्रहवाँ अध्याय समाप्त होता है ।