श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 1: सृष्टि  »  अध्याय 15: पाण्डवों की सामयिक निवृत्ति  »  श्लोक 45
 
 
श्लोक  1.15.45 
 
 
सर्वे तमनुनिर्जग्मुर्भ्रातर: कृतनिश्चया: ।
कलिनाधर्ममित्रेण द‍ृष्ट्वा स्पृष्टा: प्रजा भुवि ॥ ४५ ॥
 
अनुवाद
 
  महाराज युधिष्ठिर के छोटे भाइयों ने देखा कि कलयुग संपूर्ण विश्व में व्याप्त हो चुका है और राज्य के नागरिक पहले से ही पापकर्म से ग्रस्त हैं। इसलिए उन्होंने अपने बड़े भाई के पदचिन्हों पर चलने का फैसला किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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