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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 1: सृष्टि
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अध्याय 14: भगवान् श्रीकृष्ण का अन्तर्धान होना
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श्लोक 31
श्लोक
1.14.31
सुषेणश्चारुदेष्णश्च साम्बो जाम्बवतीसुत: ।
अन्ये च कार्ष्णिप्रवरा: सपुत्रा ऋषभादय: ॥ ३१ ॥
अनुवाद
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क्या भगवान कृष्ण के सभी सेना नायक पुत्र, जैसे सुषेण, चारुदेष्ण, जाम्बवती-पुत्र साम्ब और ऋषभ सहित उनके अपने पुत्र, ठीक हैं?
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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