श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 1: सृष्टि  »  अध्याय 14: भगवान् श्रीकृष्ण का अन्तर्धान होना  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  1.14.23 
 
 
तं पादयोर्निपतितमयथापूर्वमातुरम् ।
अधोवदनमब्बिन्दून् सृजन्तं नयनाब्जयो: ॥ २३ ॥
 
अनुवाद
 
  जब उसने राजा के चरणों में नमन किया, तो राजा ने देखा कि उसकी निराशा अभूतपूर्व थी। उसका सिर झुका हुआ था और कमल-नेत्रों से आँसू बह रहे थे।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.