वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 1: सृष्टि
»
अध्याय 13: धृतराष्ट्र द्वारा गृह-त्याग
»
श्लोक 57
श्लोक
1.13.57
स वा अद्यतनाद् राजन् परत: पञ्चमेऽहनि ।
कलेवरं हास्यति स्वं तच्च भस्मीभविष्यति ॥ ५७ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
हे राजन्, सम्भवतः आज से पाँचवें दिन वे अपना शरीर त्याग देंगे और उनका शरीर भस्म हो जाएगा।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.