वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 1: सृष्टि
»
अध्याय 13: धृतराष्ट्र द्वारा गृह-त्याग
»
श्लोक 51
श्लोक
1.13.51
धृतराष्ट्र: सह भ्रात्रा गान्धार्या च स्वभार्यया ।
दक्षिणेन हिमवत ऋषीणामाश्रमं गत: ॥ ५१ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
राजन्, आपके चाचा धृतराष्ट्र, उनके भाई विदुर और उनकी पत्नी गांधारी हिमालय के दक्षिणी भाग में स्थित महान ऋषियों के आश्रमों की ओर रवाना हो गये हैं।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.