श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 1: सृष्टि  »  अध्याय 13: धृतराष्ट्र द्वारा गृह-त्याग  »  श्लोक 49
 
 
श्लोक  1.13.49 
 
 
सोऽयमद्य महाराज भगवान् भूतभावन: ।
कालरूपोऽवतीर्णोऽस्यामभावाय सुरद्विषाम् ॥ ४९ ॥
 
अनुवाद
 
  वे ही पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण, सर्वनाशी काल के रूप में, अब संसार से द्वेषी लोगों का सर्वनाश करने के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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