प्रतिक्रिया न यस्येह कुतश्चित्कर्हिचित्प्रभो ।
स एष भगवान् काल: सर्वेषां न: समागत: ॥ १९ ॥
अनुवाद
इस भौतिक संसार में कोई भी व्यक्ति इस भयावह स्थिति का निराकरण नहीं कर सकता। हे प्रभु, अनन्त समय [काल] के रूप में सर्वोच्च पुरुषोत्तम भगवान हम सब पर आ पहुँचे हैं।