श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 1: सृष्टि  »  अध्याय 12: सम्राट परीक्षित का जन्म  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  1.12.18 
 
 
श्रीराजोवाच
अप्येष वंश्यान् राजर्षीन् पुण्यश्लोकान् महात्मन: ।
अनुवर्तिता स्विद्यशसा साधुवादेन सत्तमा: ॥ १८ ॥
 
अनुवाद
 
   श्रेष्ठ राजा (युधिष्ठिर) ने पूछा: हे महात्माओं, क्या यह बालक इस महान् राजवंश में प्रकट हुए अन्य राजाओं की ही तरह राजर्षि बनेगा, उसके नाम में भी वैसी ही पवित्रता होगी और उसकी उपलब्धियाँ भी उतनी ही विख्यात और गौरवशाली होंगी?
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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