तस्मान्नाम्ना विष्णुरात इति लोके भविष्यति ।
न सन्देहो महाभाग महाभागवतो महान् ॥ १७ ॥
अनुवाद
इसी कारण यह बालक संसार में विष्णुरात (भगवान् द्वारा रक्षित) नाम से प्रसिद्ध होगा। हे भाग्यशाली, इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह बालक महाभागवत (उत्तम कोटि का भक्त) होगा और सभी गुणों से सम्पन्न होगा।