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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 1: सृष्टि
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अध्याय 10: द्वारका के लिए भगवान् कृष्ण का प्रस्थान
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श्लोक 6
श्लोक
1.10.6
नाधयो व्याधय: क्लेशा दैवभूतात्महेतव: ।
अजातशत्रावभवन् जन्तूनां राज्ञि कर्हिचित् ॥ ६ ॥
अनुवाद
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चूंकि राजा का कोई दुश्मन न था, अत: समस्त जीव, किसी भी समय मानसिक कष्ट, बीमारियाँ या अत्यधिक गरमी या ठंड से परेशान नहीं थे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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