श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 1: सृष्टि  »  अध्याय 10: द्वारका के लिए भगवान् कृष्ण का प्रस्थान  »  श्लोक 4
 
 
श्लोक  1.10.4 
 
 
कामं ववर्ष पर्जन्य: सर्वकामदुघा मही ।
सिषिचु: स्म व्रजान् गाव: पयसोधस्वतीर्मुदा ॥ ४ ॥
 
अनुवाद
 
  महाराजा युधिष्ठिर के राज्य में, बादल लोगों की ज़रूरत के अनुसार पानी बरसाते थे और धरती उनकी सभी आवश्यकताओं को बहुतायत में पूरी करती थी। गायें अपने दूध से भरे थनों और प्रसन्न चेहरे के साथ चरागाहों को दूध से सींचती रहती थीं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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