वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 7: उत्तर काण्ड
»
सर्ग 23: रावण के द्वारा निवातकवचों से मैत्री, कालकेयों का वध तथा वरुणपुत्रों की पराजय
»
श्लोक 1
श्लोक
7.23.1
ततो जित्वा दशग्रीवो यमं त्रिदशपुङ्गवम्।
रावणस्तु रणश्लाघी स्वसहायान् ददर्श ह॥ १॥
अनुवाद
play_arrowpause
(अगस्त्यजी कहते हैं - रघुनन्दन!) युद्ध में इंद्र सहित देवताओं के मुखिया यम को पराजित कर दशकंधर रावण अपने सहायकों के साथ मिल गया।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.